पैक्ड जूस पीते हैं तो हो जाएं सावधान! आचार्य मनीष जी की चेतावनी
आज की तेज़ रफ्तार भरी ज़िंदगी में लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर पहले से ज़्यादा जागरूक हो गए हैं। फिटनेस, हेल्दी फूड, और डाइट जैसे शब्द अब आम हो गए हैं। लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि सही जानकारी की कमी और झूठे विज्ञापनों के प्रभाव के कारण लोग कई बार ऐसे उत्पादों को ‘हेल्दी’ समझ बैठते हैं, जो वास्तव में उनके स्वास्थ्य को धीरे-धीरे नष्ट कर रहे होते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण है – पैक्ड जूस या डिब्बाबंद फल रस। जब हम बाजार में पैक्ड जूस की चमचमाती पैकेजिंग को देखते हैं, जिस पर “100% Natural”, “Real Fruit”, “No Added Sugar” जैसे आकर्षक दावे लिखे होते हैं, तो हम यह मान लेते हैं कि ये जूस हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होंगे। लेकिन सच्चाई इसके बिलकुल विपरीत है। पैक्ड जूस के नियमित सेवन से side effects of packed juice जैसे पेट की समस्याएँ, हॉर्मोनल असंतुलन और हृदय संबंधी बीमारियाँ हो सकती हैं, जो आपके स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं।
आचार्य मनीष जी की चेतावनी
आचार्य मनीष जी, जो कि प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के समर्थक हैं,उन्होंने बताया है कि पैक्ड जूस सॉफ्ट ड्रिंक से भी ज्यादा खतरनाक हैं। उन्होंने बताया कि ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) की रिपोर्ट के अनुसार एक पैकेट जूस में 11 करोड़ माइक्रोप्लास्टिक कण पाए गए हैं। सोचिए, हर बार जब आप पैक्ड जूस पीते हैं तो आपके शरीर में प्लास्टिक के करोड़ों कण जा रहे हैं। और अगर हम इसका सेवन करे तो यह हमारे लिए कितने खरतनाक साबित हो सकते है।
Why Packed Juice is Bad for You?
जब आप बाजार में मौजूद किसी पैक्ड जूस को खरीदते हैं, तो उस पर "100% Real Juice" या "Natural" जैसे शब्द लिखे होते हैं। लेकिन Why Packed Juice is Bad for You? इसका जवाब आचार्य मनीष जी की चेतावनी में छिपा है। वे बताते हैं कि ये सारे शब्द बस marketing tactics हैं, जो आपको धोखा देने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
आइए समझते हैं कि ये जूस इतने सस्ते कैसे हो सकते हैं:
1 किलो अंगूर या लीची से मुश्किल से 100-150 ग्राम ही रस निकलता है। इसका मतलब असली जूस को निकालने में बहुत मेहनत और लागत लगती है।
अगर 1 लीटर असली जूस चाहिए, तो कम से कम 7-8 किलो फल लगेंगे, जिसकी लागत ही ₹500 से ऊपर हो जाएगी।
लेकिन बाजार में वही जूस का पैक ₹100 में मिलता है। यह तभी संभव है जब उसमें नीली शक्कर, रंग, प्रिज़र्वेटिव्स, और अन्य हानिकारक रसायन मिलाए जाएं।
यह दिखाता है कि ये जूस असली नहीं होते, बल्कि एक रासायनिक मिश्रण होते हैं जो आपके शरीर को धीरे-धीरे बीमार कर देते हैं।
Side Effects of Packed Juice
पैक्ड जूस का सेवन आपको ताजगी और स्वाद का अनुभव दे सकता है, लेकिन Side Effects of Packed Juice को नज़रअंदाज करना आपके स्वास्थ्य के लिए खतरे से खाली नहीं है। यहाँ हम उन गंभीर दुष्प्रभावों को समझेंगे जो पैक्ड जूस के लगातार सेवन से हो सकते हैं:
कैंसर का खतरा – पैक्ड जूस में माइक्रोप्लास्टिक और केमिकल्स होते हैं जो शरीर में जाकर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इन रसायनों का लगातार सेवन करने से कैंसर की संभावना बढ़ सकती है क्योंकि ये तत्व शरीर के DNA को प्रभावित कर सकते हैं।
किडनी और लीवर फेलियर – पैक्ड जूस में आमतौर पर केमिकल युक्त शक्कर, कलर, और प्रिज़र्वेटिव्स मिलाए जाते हैं। ये तत्व लीवर और किडनी पर अत्यधिक दबाव डालते हैं और समय के साथ लीवर और किडनी फेलियर का कारण बन सकते हैं।
दिल की बीमारियां – पैक्ड जूस में अक्सर शक्कर की उच्च मात्रा और प्लास्टिक के कण होते हैं। ये दोनों मिलकर दिल की धमनियों को ब्लॉक कर सकते हैं, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
इम्यून सिस्टम पर असर – जब शरीर लगातार पैक्ड जूस का सेवन करता है, तो इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। केमिकल्स और शुगर का अधिक सेवन शरीर की प्राकृतिक रक्षा क्षमता को घटा देता है, जिससे बीमारियों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है।
आचार्य मनीष जी के उपाय (Remedies of Acharya Manish Ji)
Acharya manish ji का मानना है कि प्राकृतिक जीवनशैली और संतुलित आहार से ही स्वास्थ्य में सुधार संभव है। उन्होंने कई ऐसे आसान और प्रभावी उपाय सुझाए हैं, जिन्हें अपनाकर हम अपने शरीर को स्वस्थ और सशक्त बना सकते हैं। यहाँ हम कुछ महत्वपूर्ण उपायों का उल्लेख कर रहे हैं:
1. कांची (Kanji) पीजिए
आचार्य मनीष जी पैक्ड जूस के स्थान पर कांची (Kanji) पीने की सलाह देते हैं। यह एक प्राकृतिक, प्रोबायोटिक पेय है जो पाचन क्रिया को सुधारता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है।
सर्दी में: काली गाजर की कांची पीना सबसे लाभकारी है।
गर्मी में: चुकंदर की कांची पीने से शरीर को ठंडक मिलती है और यह रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है।
कांची के फायदे:
प्राकृतिक रूप से फरमेंटेड होता है, जिससे यह शरीर के लिए एक बेहतरीन प्रोबायोटिक का काम करता है।
पाचन में सुधार करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
2. प्राकृतिक आहार पर ध्यान दें
आचार्य मनीष जी के अनुसार, हम जो खाते हैं, वह हमारे शरीर पर सीधा असर डालता है। इसलिए उन्होंने आहार में निम्नलिखित सुधार की सलाह दी है:
मोटे अनाज (Millets) जैसे बाजरा, ज्वार, रागी आदि का सेवन करें। ये अनाज हमारे शरीर के लिए अत्यंत फायदेमंद होते हैं और इनमें भरपूर पोषण होता है।
गेहूं और सफेद चावल से परहेज करें, क्योंकि ये शरीर में सूजन और वजन बढ़ाने का कारण बन सकते हैं।
मौसमी और स्थानीय फल और सब्जियाँ खाएं। यह हमारे शरीर को प्राकृतिक पोषण प्रदान करती हैं और मौसम के अनुसार शरीर की जरूरतों को पूरा करती हैं।
पैक्ड, प्रोसेस्ड और रेडीमेड खाद्य पदार्थों से बचें, क्योंकि इनमें रसायन और प्रिज़र्वेटिव्स होते हैं जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं।
3. प्राकृतिक रूप से तैयार खाद्य पदार्थों का सेवन
आचार्य मनीष जी का मानना है कि हमें केवल प्राकृतिक और ताजे खाद्य पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए। जैसे:
फल और सब्ज़ियाँ को ताजे रूप में खाएं, न कि जूस के रूप में जो रसायनों और शर्करा से भरे होते हैं।
घरेलू नुस्खे जैसे ताजे जूस, हर्बल चाय, और अन्य प्राकृतिक पदार्थों का सेवन करें, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।
4. व्यायाम और ध्यान
आचार्य मनीष जी का मानना है कि केवल सही आहार ही नहीं, बल्कि नियमित व्यायाम और मानसिक शांति के लिए ध्यान भी आवश्यक है:
नियमित योगाभ्यास और प्राणायाम शरीर को स्वस्थ और मानसिक शांति प्रदान करते हैं।
ध्यान से मानसिक तनाव कम होता है और शरीर को राहत मिलती है।
5. जल का सेवन (Hydration)
आचार्य मनीष जी के अनुसार, हमें दिन भर में पर्याप्त पानी पीना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। पानी पीने से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और हमारी त्वचा और आंतरिक अंग स्वस्थ रहते हैं।
6. प्राकृतिक उपचार (Natural Healing)
आचार्य मनीष जी ने प्राकृतिक चिकित्सा का भी समर्थन किया है, जिसमें हर्बल दवाओं, आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू नुस्खों का उपयोग किया जाता है। वे मानते हैं कि इन उपायों से शरीर को कोई साइड इफेक्ट नहीं होते और यह दवाइयाँ पूरी तरह से सुरक्षित होती हैं।
7. नींद और विश्राम (Sleep and Rest)
पर्याप्त नींद और विश्राम से शरीर को स्फूर्ति मिलती है और मानसिक स्थिति भी बेहतर रहती है। आचार्य मनीष जी सलाह देते हैं कि हमें रात को 7-8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए।
Disadvantages of Packed Juice
शुद्धता का अभाव – इनमें असली फल का अंश बहुत ही कम होता है, बाक़ी सब फ्लेवरिंग और रंग होते हैं।
प्रिज़र्वेटिव्स से भरपूर – लंबे समय तक स्टोर करने के लिए इन जूस में ऐसे रसायन मिलाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं।
सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट से भ्रम – मशहूर हस्तियों द्वारा प्रचारित ये उत्पाद असल में सिर्फ मुनाफे के लिए बनाए जाते हैं, आपकी सेहत के लिए नहीं।
निष्कर्ष
आज के समय में पैक्ड जूस को हेल्दी समझना एक भ्रम है। Side effects of packed juice इतने गंभीर हैं कि इन्हें नजरअंदाज करना खतरे को बुलावा देना है। अगर आप सच में अपने स्वास्थ्य की चिंता करते हैं, तो आज से ही इनसे दूरी बनाएं। Disadvantages of packed juice को जानकर यदि आप जागरूक नहीं हुए, तो बीमारियों का जोखिम और बढ़ सकता है। आचार्य मनीष जी की सलाह को मानते हुए कांची जैसे पारंपरिक और देसी विकल्प अपनाएं और एक स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।
FAQ
प्रश्न: क्या पैक्ड जूस पीना सुरक्षित है?
उत्तर: आचार्य मनीष जी के अनुसार Side effects of packed juice बहुत खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि इसमें केमिकल्स, प्रिज़र्वेटिव्स और माइक्रोप्लास्टिक पाए जाते हैं।
प्रश्न: कांची किसे पीनी चाहिए?
उत्तर: कांची हर आयु वर्ग के लोगों के लिए लाभकारी है, विशेष रूप से वे लोग जो पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
प्रश्न: क्या मिलेट्स गेहूं और चावल से बेहतर हैं?
उत्तर: मिलेट्स में फाइबर, आयरन और प्रोटीन अधिक होता है और ये ग्लूटन-फ्री भी होते हैं, जो शरीर के लिए कहीं अधिक स्वास्थ्यवर्धक हैं।
प्रश्न: आचार्य मनीष जी के अनुसार कौन-से खाद्य पदार्थ से दूर रहना चाहिए?
उत्तर: पैक्ड जूस, प्रोसेस्ड फूड, सफेद चीनी, मैदा, कोल्ड ड्रिंक्स और रेडीमेड स्नैक्स जैसे उत्पादों से दूर रहना चाहिए।
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