मुँह का कैंसर क्यों होता है? जानिए आयुर्वेदिक उपाय Acharya Manish Ji से

आजकल के लोग celebrities को टीवी पर देख कर तंबाकू, पान मसाला, गुटखा, सिगरेट जैसी चीज़ों का सेवा करने लग गए है।  मुँह का कैंसर (Mouth Cancer) बहुत तेजी से फैल रही एक ऐसी बीमारी है जो हर साल हजारों लोग को इस चपेट में ले लेती है।  ये नशे की चीज़ें धीरे-धीरे हमारे मुँह की कोशिकाओं को खराब कर देती हैं, जिससे घाव बनते हैं और आगे चलकर कैंसर का रूप ले लेते हैं। हर एक तंबाकू, पान मसाला, गुटखा, सिगरेट के पैकेट्स पर साफ़ लिखा होता है कि यह  स्वास्थ्य के लिया हानिकारक है लकिन फिर भी लोग यह बात समझने की जगह इसे नजरअंदाज कर देते है। लेकिन अगर कोई Mouth Cancer से पीड़ित है तो उनके लिए अच्छी बात यह है कि आयुर्वेद में इसका प्राकृतिक और सुरक्षित इलाज मौजूद है।

ऐसे ही hiims में आए एक  मुँह के  कैंसर से पीड़ित व्यक्ति , जिसको एलॉपथी ने बायोप्सी के बाद मुँह का कैंसर बता दिया था। पहले उसे बहुत दर्द रहता था, खाना चबाना मुश्किल हो गया था और मुँह में सूजन थी। लेकिन जब उसने Ayurvedic Treatment for Mouth Cancer अपनाया, तो सिर्फ 10 दिनों में 35% तक फर्क महसूस हुआ। दर्द कम हुआ, सूजन घट गई और अब वह सामान्य खाना खा पा रहा है।

उसने हल्दी, अदरक, मुलेठी और छोटी इलायची जैसी आयुर्वेदिक औषधियाँ चबाना शुरू किया। इससे मुँह के घाव भरने लगे और जलन भी कम हो गई। इन जड़ी-बूटियों में एंटी-कैंसर, एंटी-बैक्टीरियल और सूजन कम करने वाले गुण होते हैं। Mouth cancer treatment in Ayurveda से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है, जिससे कैंसर कोशिकाएँ खुद-ब-खुद कमजोर पड़ने लगती हैं। मुँह का कैंसर सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी व्यक्ति को कमजोर कर देता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि मुँह का कैंसर क्यों होता है, आयुर्वेदिक उपाय Acharya Manish Ji से और क्या इसका इलाज बिना सर्जरी और कीमोथेरेपी के संभव है या नहीं ?

मुँह का कैंसर क्यों होता है? मुख्य कारण

  • तंबाकू, गुटखा और पान मसाला का सेवन करने से। 

  • धूम्रपान (सिगरेट और बीड़ी) का सेवन करने से 

  • शराब का अत्यधिक सेवन करने से।  

  • मुँह की सफाई में लापरवाही करने से। 

मुँह के कैंसर के लक्षण – Mouth cancer symptoms

  • मुँह में लंबे समय तक न भरने वाला घाव: जो 2 हफ्ते से ज्यादा समय तक ठीक न हो।

  • जीभ, होंठ या गाल में गांठ या सूजन: बिना किसी कारण के दर्द या कठोरपन महसूस होना।

  • खाना चबाने या निगलने में परेशानी: भोजन करते समय दर्द या अटकाव लगना।

  • मुँह से लगातार दुर्गंध आना: सामान्य ब्रश और सफाई से भी गंध न जाए तो यह संकेत हो सकता है।

  • बोलने में तकलीफ या आवाज़ में बदलाव: जीभ या गले में बदलाव के कारण आवाज़ भारी होना।

  • मुँह में सफेद या लाल रंग के धब्बे: जो लगातार बने रहें और आकार में बढ़ें।

  • कान या गले में दर्द जो लगातार रहे: खासकर बिना संक्रमण के, यह अंदरूनी कैंसर का संकेत हो सकता है।

  • मुंह खोलने या जबड़े को हिलाने में कठिनाई: जबड़े में जकड़न या दर्द महसूस होना।

इनमें से अगर कोई  भी Mouth cancer symptoms 2 सप्ताह से अधिक समय तक बने  रहे, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।

Ayurvedic Treatment for Mouth Cancer

आयुर्वेद में कैंसर को "अरबुद" कहा गया है और इसका इलाज शरीर के तीन दोषों जो की  वात, पित्त और कफ — को संतुलित कर के किया जाता है। Ayurvedic Treatment for Mouth Cancer न सिर्फ रोग के लक्षणों को कम करता है, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

1. Oral cancer herbal treatment: प्राकृतिक औषधियाँ जो देती हैं राहत:

Acharya Manish Ji और HiiMS के डॉक्टर्स द्वारा सुझाई गई कुछ प्रमुख जड़ी-बूटियाँ और औषधियाँ जो मुँह के कैंसर में बेहद लाभकारी हैं:

1. हल्दी (Raw Turmeric) – इसमें मौजूद करक्यूमिन कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।

2. मुलठी और छोटी इलायची – मुँह की जलन, घाव और दुर्गंध में राहत देती हैं।

3. गिलोय – शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।

4. आंवला – एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो कैंसर के खतरे को कम करता है।

5. नीम और तुलसी – मुँह के अंदर के बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और घाव भरते हैं।

2. Ayurvedic Detox Juice: अंदर से सफाई 

Mouth cancer treatment in Ayurveda में एक विशेष डिटॉक्स जूस का सेवन खाली पेट करने की सलाह दी जाती है। यह जूस कई हर्बल पत्तों और कच्ची जड़ी-बूटियों से बनता है:

मुख्य सामग्री:

बड़, पीपल, अमरूद के पत्ते, पुदीना, धनिया, करी पत्ता, कच्ची हल्दी, अदरक, आंवला, चुकंदर, पालक या मेथी।

कैसे बनाएं:

सभी सामग्री को पीसकर पानी में मिलाएं और रोज़ सुबह खाली पेट पिएं। यह विधि Mouth cancer treatment in Ayurveda का अहम हिस्सा है, जिसे HiiMS आयुर्वेदिक कैंसर हॉस्पिटल में सफलतापूर्वक अपनाया जा रहा है।

3. मुलेठी (Licorice) का मुँह के स्वास्थ्य में लाभ

Acharya manish ji बताते है की मुलेठी (Mulethi) एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी है जिसे आयुर्वेद में मुँह के घाव, बदबू और मसूड़ों की कमजोरी को दूर करने के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया है। यदि आप रोज़ाना सुबह-शाम मुलेठी और छोटी इलायची को 15–20 मिनट तक चबाते हैं, तो यह मुँह के कैंसर से लड़ने की शक्ति भी बढ़ा सकती है।

मुख्य लाभ:

1. मसूड़ों को मज़बूती मिलती है

2. मुँह की बदबू से राहत मिलती है

3. मुँह के घाव और छालों को ठीक करने में मदद

4. मुँह की सफाई और बैक्टीरिया से बचाव

5. कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक

निष्कर्ष : 

मुँह का कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय रहते पहचाना जाए और Ayurvedic Treatment for Mouth Cancer अपनाया जाए तो इसका इलाज संभव है। ये एक चेतावनी है जो हमारी आदतों, हमारी जीवनशैली और हमारे गलत फैसलों को दी जा रही है।  एक छोटी-सी लत, जैसे तंबाकू, गुटखा या सिगरेट का सेवन, धीरे-धीरे आपकी पूरी जिंदगी को ख़त्म कर सकती है। क्या आपने कभी सोचा है, एक सस्ता पाउच आपकी हँसी, आपकी बोलने की ताकत, आपके खाने की आज़ादी और आपके अपनेपन को छीन सकता है। कितने ही लोग ऐसे हैं जो कहते हैं, "अभी तो कुछ नहीं हुआ," जब होगा तब देखा जाएगा और जब होता है तब बहुत देर हो चुकी होती है। आपको सिर्फ अपने लिए नहीं, अपने बच्चों, अपने माता-पिता और पूरे परिवार के लिए ज़िंदा और स्वस्थ रहना है। हर बार जब आप तंबाकू या गुटखा का पाउच खरीदते हैं, सोचिए "क्या यह पाउच आपके जीवन से बड़ा है? क्या बच्चों को यही सीख देंगे कि ज़हर धीरे-धीरे खाना सही है?

अब समय है बदलाव का।

अगर आप इस लत से जूझ रहे हैं, तो आज ही छोड़ें।

अगर आप किसी को पीड़ित देख रहे हैं, तो उसे समझाएं।

आइए, मिलकर एक ऐसा भारत बनाएं जहां हर मुस्कान सुरक्षित हो। जहां हर व्यक्ति बोले – नहीं चाहिए ज़हर, चाहिए ज़िंदगी।  Acharya Manish Ji द्वारा सुझाई गई यह आयुर्वेदिक विधि मुँह के कैंसर के लिए एक प्रभावशाली हिस्सा है। अगर आप ऐसी समस्याओं से जूझ रहे हैं या मुँह के कैंसर से बचाव चाहते हैं, तो आज ही संपर्क करें HiiMS Ayurvedic Hospital में जहां प्राकृतिक चिकित्सा के साथ मिलती है नई ज़िंदगी की उम्मीद।

 FAQ 

प्रश्न 1. मुँह का कैंसर किन कारणों से होता है?
उत्तर: तंबाकू, गुटखा, सिगरेट और शराब का सेवन मुँह के कैंसर के मुख्य कारण हैं।

प्रश्न 2. मुँह के कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
उत्तर: लंबे समय तक न भरने वाले घाव, सफेद/लाल धब्बे, और चबाने में दर्द इसके लक्षण हैं।

प्रश्न 3. क्या मुँह का कैंसर आयुर्वेद से ठीक हो सकता है?
उत्तर: Ayurvedic Treatment for Mouth Cancer से लक्षणों में सुधार और रोग नियंत्रण संभव है।

प्रश्न 4. मुँह के कैंसर से बचाव के लिए कौन-सी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ लाभदायक हैं?
उत्तर: मुलेठी, हल्दी, गिलोय, आंवला और इलायची मुँह के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं।

प्रश्न 5. क्या HiiMS हॉस्पिटल में मुँह के कैंसर का आयुर्वेदिक इलाज उपलब्ध है?
उत्तर: Acharya Manish Ji के मार्गदर्शन में HiiMS में Mouth cancer treatment in Ayurveda उपलब्ध है।



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